अब नहीं मिलेगा 10 लाख लोगों को राशन, 10 लाख लोगों के राशन कार्ड को रद्द करने में लगी सरकार
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में भारी गड़बड़ी होने के बाद अब सरकार पूरी तरह से सचेत हो गई है। अपात्र किसान जिस तरह से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किस्त का लाभ ले रहे थे, उस पर नकेल कसने के बाद सरकार ने एक कड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने अब वैसे लोगों के खिलाफ नकेल कसना शुरू कर दिया है, जिन्होंने राशन कार्ड में गलत जानकारी दी है और मुफ्त में सरकार के तरफ से दी जा रही राशन को पा रहे हैं। सरकार के द्वारा अपात्र राशन कार्ड धारकों की सूची राशन डीलरों को भेजने का निर्देश दिया गया है। राशन कार्ड धारकों को अब मुफ्त गेहूं, चना और चावल नहीं मिलेगा, क्योंकि सरकार उन लोगों को भोजन वितरित करना बंद कर देगी, जिन्होंने अपने राशन कार्ड में गलत जानकारी जोड़ दी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक तो फिलहाल सरकार ने करीब 10 लाख ऐसे राशन कार्डो को रद्द करने की योजना बनाई है, जिसकी पहचान विभाग के द्वारा पूरे देश भर में की गई है, इस पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। पूरे भारतवर्ष में जो लोग राशन कार्ड धारक हैं उनकी संख्या लगभग 80 करोड़ है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से लगभग एक करोड़ लोग ऐसे है जो इस योजना के लिए पात्र नही हैं। यानी उनके राशन कार्ड में कहीं ना कहीं गलत जानकारी दी गई हुई है। राशन डीलरों को यह सख्त निर्देश दिया गया है, कि अपात्रराशन कार्ड धारकों की सूची बनाकर के जल्द से जल्द रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेजें, उसके बाद विभाग सूचना की समीक्षा करने के बाद ऐसे लाभार्थियों के राशन कार्ड रद्द कर देगा।ये भी पढ़ें: किसान कर लें अपना भी नाम चेक, नही तो वापस देना पड़ेगा पीएम किसान का पैसा
इन लोगों के होंगे राशन कार्ड रद्द
एनएफएसए - राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA - National Food Security Act) के अनुसार जो व्यक्ति आयकर का भुगतान करता है, वैसे व्यक्ति को अब राशन कार्ड का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा जिनके पास 10 बीघा से ज्यादा जमीन है, उन्हें भी अब राशन कार्ड का लाभ नहीं मिल पाएगा। वैसे व्यक्ति जो अभी तक राशन कार्ड में गलत शब्द जानकारी देकर के मुफ्त में सरकार से राशन प्राप्त कर रहे थे, उन्हें आप सचेत हो जाने की जरूरत है, क्योंकि सरकार ने कड़ा निर्देश जारी किया है। फिलहाल यह संख्या 10 लाख है, लेकिन आने वाले समय में इसका बढ़ना तय माना जा रहा है। सरकार ने कुछ ऐसे लोगों की भी पहचान की है जो मुफ्त में राशन बेचकर अवैध कारोबार चला रहे हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा राशन कार्ड का दुरुपयोग उत्तर प्रदेश में होता है। सितंबर व अक्टूबर में विभाग के अंतर्गत एनएफएसए के गोदामों से राशन की दुकानों तक चावल पहुंचाने में देरी के कारण कई कार्ड धारकों को चावल का पूरा आवंटन नहीं मिला। नतीजतन, कार्डधारकों को वह चावल प्राप्त हुआ जो दुकानों पर स्टॉक में था। कार्डधारकों को शेष भाग अक्टूबर में प्राप्त होने की उम्मीद थी, लेकिन राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने पहले वाले हिस्से को केवल उन व्यक्तियों को वितरित करने का विकल्प चुना, जिन्हें पहले कोई चावल नहीं मिला था।ये भी पढ़ें: केंद्र द्वारा टूटे चावल को लेकर बड़ा फैसला फूड मिनिस्ट्री की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 9 साल में 4.74 करोड़ राशन कार्ड रद्द हुए हैं। साल 2016 में सबसे ज्यादा 84 लाख राशन कार्डों को रद्द किया गया। कोविड महामारी के दौरान 2020 और 2021 में 46 लाख राशन कार्ड रद्द किए गए हैं और अब 10 लाख लोगों के कार्ड को रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है।